
समय करे,नर क्या करे,समय बड़ाबलवान;असर ग्रह सब पर करें,परिंदा-पशु-इंसान!
मनुष्य बंधा स्वयं लेख से अपने, लेख विधाता कलम से हो;कलम चले खुद करम पे अपने, झगड़ा अक्ल न किस्मत हो!
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"बीमारी का इलाज बगैर दवाई के भी संभव है लेकिन मृत्यु का कोई इलाज नहीं!"
जिस प्रकार हम दवाई द्वारा शरीर में आयी तत्वों की कमी या अधिकता को संतुलित कर सकते है! उसी प्रकार कुछ सामान्य से ज्योतिषीय उपायों द्वारा हम अपने कर्मफल में भी कमी या वृद्धि कर सकते है अथवा कुछ समय के लिए उसे टाल सकते है! ज्योतिष एक विज्ञानं है, और हर उपाय का एक वैज्ञानिक आधार होता है! आमतौर पर लोग पूजा-पाठ, दान-पुण्य को प्रत्येक तकलीफ दूर करने का उपाय मान लेते है जबकि सत्यता यह है की जीवन में कुछ लोग हमारे मित्र है और कुछ लोग हमारे शत्रु है और कुछ लोगो से हमें कुछ लेना देना नहीं है! यदि हम शत्रु को गले लगाएंगे और मित्र से बिगाड़ लेंगे तो हमारा भला कौन करेगा! ठीक इसी तरह जातक की जनम कुंडली में पहले यह सुनिश्चित किया जाता है की कौन से ग्रह जातक के मित्र है और कौन से शत्रु! फिर इसी आधार पर कुछ ज्योतिषीय उपायों द्वारा मित्र ग्रहों को बल देकर एवं शत्रु ग्रहों को कमजोर करके जीवन में आने वाली रुकावटों को दूर किया जाता है!मुझे विश्वास है की मेरी इस ज्योतिषीय परामर्श सेवा (एस्ट्रोलॉजिकल कंसल्टेशन्स) द्वारा आप सभी लोग, ज्योतिषियों द्वारा प्रचलित झूठे भ्रम जाल, आडम्बर, और पाखंड से तो मुक्ति पाएंगे ही साथ ही स्वयं वैज्ञानिक आधारों पर स्वयं के जीवन को सफल कर सकेंगे! अगर आपके जीवन में भी स्वास्थ्य संबंधी,व्यवसाय, नौकरी, शादीशुदा जिंदगी अथवा संतान संबंधी समस्याएं है तो इनसे बचने के लिए ज्योतिषशास्त्र में कई समाधान भी वर्णित है। इस तरह की समस्याओं का ज्योतिषीय समाधान पाने के लिए आप नीचे लिखे कांटेक्ट नंबर पर मुझसे संपर्क कर सकते है या सुविधानुसार ईमेल कर सकते है!

दाम्पत्य-वैवाहिक सुख
भारतीय ज्योतिष और व्यावहारिक ग्रंथों के अनुसार स्त्री व पुरुष के संबंध शादी कहलाती है! परंपरागत मान्यता और भारतीय परिवेश के अनुसार सात प्रकार के विवाह वर्णित है! लेकिन ज्योतिषशास्त्र में स्त्री- पुरुष के शारीरिक संबंध ही शादी है फिर भले ही वह सामाजिक दृष्टि से हो या कानूनी दृष्टि से हो या न हो! शादी-विवाह, जीवन का एक अनमोल और बहुत ही आवश्यक पड़ाव है। यही वो रिश्ता होता है जो आगामी जीवन का भविष्य तय करता है। अगर जीवनसाथी के साथ सामंजस्य बैठ गया तो सब सही, अन्यथा जीवन एक बोझ बनकर रह जाता है। जातक का विवाह कब, कहां, किस उम्र में कैसे युवक या युवती से कितनी दूरी पर होगा। ससुराल कैसी होगी ? लड़की या लड़के का स्वभाव नौकरी/व्यवसाय रूप-रंग वैवाहिक जीवन सास- स्वसुर इत्यादि का पता कुंडली के ग्रहों की मित्रता, शत्रुता, महादशा, अंतर्दशा, वर्षफल और गोचर के ग्रहों का विश्लेषण कर पता लगाया जा सकता है! अगर जीवन या शादीशुदा जिंदगी में समस्याएं है तो इनसे बचने के लिए ज्योतिषशास्त्र में कई समाधान भी वर्णित है। इस तरह की समस्याओं का ज्योतिषीय समाधान पाने के लिए आप नीचे लिखे कांटेक्ट नंबर पर मुझसे संपर्क कर सकते है या सुविधानुसार ईमेल कर सकते है!

व्यवसाय / नौकरी / आजीविका
आज की मुख्य समस्याओं में से एक समस्या रोजगार की है। हर इंसान की ये इच्छा होती है कि वो ऐसा व्यवसाय करे, जिसमें उसे सफलता मिले, लेकिन अधिकतर मामलों में देखा गया है कि काफी संघर्ष के बाद भी सफलता नहीं मिलती। जब कभी भी हम कोई व्यवसाय, नौकरी करते है तो कभी न कभी कुछ समस्याएं और वित्तीय घाटा हो ही जाता है।साथ ही यदि व्यवसाय बदलने का प्रयास करते है तो कई बार साथी से विश्वासघात, कुछ पैसो के लेन देन में घपला या चोट मिलती है और यदि आप नौकरी में हैं तो कई बार नौकरी में अस्थिरता होती है। वरिष्ठ अधिकारी का आप पर अविश्वास होना जिसकी वजह से नियमित अंतराल पर नौकरी का परिवर्तन होता है। ज्योतिष की मदद से आप यह जान सकते हैं कि कैसे कोई व्यक्तित्व सही व्यवसाय और रोजगार चुन सकता है और कॅरियर में सफलता हासिल कर सकता है। इस तरह की समस्याओं का ज्योतिषीय समाधान पाने के लिए आप नीचे लिखे कांटेक्ट नंबर पर मुझसे संपर्क कर सकते है या सुविधानुसार ईमेल कर सकते है!
स्वास्थ्य / रोग / दुर्घटना

भारतीय ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का मनुष्य के शरीर और स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह शरीर के किसी न किसी अंग का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन्हीं ग्रहों के प्रभाव स्वरुप हमें फल प्राप्त होते हैं और स्वास्थ्य का हाल जाना जा सकता है. जब कोई भी ग्रह पीड़ित होकर लग्न, लग्नेश, षष्ठम भाव अथवा अष्टम भाव से सम्बन्ध बनाता है. तो ग्रह से संबंधित अंग रोग प्रभावित हो सकता है अच्छी जीवनशैली जीने के लिए स्वस्थ होना बहुत जरुरी है। जीवन के सभी पहलुओं में स्वास्थ्य संबंधी बीमारिया, रोग, दुर्घटना आदि लगे रहते है! किसी भी रोगी जातक की जन्मकुंडली का विश्लेषण कर शरीर को विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाया जा सकता हैं. लेकिन इसके साथ ही ग्रहों की युति, प्रकृति, दृष्टि, उनका परमोच्चा या परम नीच की स्थिति का भी अध्ययन आवश्यक है स्वास्थ्य से सम्बन्धित किसी भी तरह की समस्याओं का ज्योतिषीय समाधान पाने के लिए आप नीचे लिखे कांटेक्ट नंबर पर मुझसे संपर्क कर सकते है या सुविधानुसार ईमेल कर सकते है!
माता-पिता / संतान सुख

हमारे यहां शादी का उद्देश्य मात्र शारीरिक सुख नहीं बल्कि गृहस्थ जीवन का सफल संचालन एवं वंशवृद्धि के लिए संतान की उत्पत्ति करना भी होता है। जीवन के सात सुखों में संतान सुख भी विशेष स्थान रखता है। जहां एक ओर शास्त्रों की मान्यता के अनुसार पितृ ऋण से उऋण होना जरूरी है वहीं देखा जाए तो आंगन में बच्चे की किलकारियां परिवार को व्यस्त कर देती हैं व ईर्ष्या-द्वेष मिटाकर प्यार का संचार करती हैं। यदि पति-पत्नी दोनों ही स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम हैं, फिर भी उनके यहां संतान उत्पन्न नहीं हो रही है। ऐसे में संभव है कि ज्योतिष संबंधी कोई अशुभ फल देने वाला ग्रह उन्हें इस सुख से वंचित रखे हुए है। यदि पति स्वास्थ्य और ज्योतिष के दोषों से दूर है, तो स्त्री की कुंडली में संतान संबंधी कोई रुकावट हो सकती है। संतान से सम्बन्धित किसी भी तरह की समस्याओं का ज्योतिषीय समाधान पाने के लिए आप नीचे लिखे कांटेक्ट नंबर पर मुझसे संपर्क कर सकते है या सुविधानुसार ईमेल कर सकते है!