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BY SUNIL THALIA
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शनि साढ़ेसाती

समस्त ग्रहों में शनि सबसे मंद गति का ग्रह है जिसे 30 अंश चलने में 30 माह का समय लगता है! अर्थात शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष या 30 माह...

पितृ दोष

वैदिक ग्रंथो के आधार पर पूर्वजो के द्वारा किये गए कर्मो का फल आने वाली पीड़ियों को तब तक झेलना पड़ता है जब तक की आने वाली पीढ़िया पूर्वजो...

काल सर्प दोष

आधुनिक ज्योतिष और कुछ विद्वान् पंडितो के मतानुसार किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में जब सभी ग्रह राहु एवं केतु के बीच आ जाते हैं तो...

गंडमूल नक्षत्र

ज्योतिषशास्त्र में सम्पूर्ण बारह राशियों को 27 नक्षत्रों में बांटा गया है! हर एक राशि 30 अंश की मानी जाती है एवं प्रत्येक नक्षत्र 10 अंश...

शनि ग्रह

ज्योतिषशास्त्र के 9 ग्रहों में शनि, राहु और केतु को पाप ग्रहों की संज्ञा दी गयी है जिसमें केवल शनि ही एकमात्र पूर्ण ग्रह है जबकि राहु और...

राहु ग्रह

राहु और केतु तारामंडल के वास्तविक ग्रह न हो कर केवल धरती पर पड़ने वाली परछाई मात्र है जो एक दूसरे से हमेशा 180 अंश पर होते है! राहु का रंग...

केतु ग्रह

केतु नेकी का फरिश्ता, सफर का मालिक और आखिर तक सहायता देने वाला ग्रह है! ज्योतिषशास्त्र में शनि, राहु और केतु को पाप ग्रह की संज्ञा दी गयी...

बुध ग्रह

सम्पूर्ण धरती और आकाश के बीच फैले हुए क्षितिज का नाम ही बुध है! ज्योतिषशात्र में बुध कि भूमिका वैसी ही है जैसे कि शून्य कि गणित में,...

मंगल ग्रह

मंगल का अर्थ है शुभ, आनंददायक! मंगल शस्त्रधारी है मंगल का रंग लाल, स्वाद मीठा, मानव शरीर में रक्त, शरीर के अंगो में बाजु, जानवरो में शेर...

बृहस्पति ग्रह

बृहस्पति ग्रह यानि जगत गुरु, विधाता या ब्रह्मा जी जो इस सृष्टि को चलाते है! दो जंहान का स्वामी जिसके द्वारा मनुस्य की अपनी अंतरात्मा और...

सूर्य ग्रह

सूर्य सबका पालन करने वाला तपस्वी राजा है! देवताओ में भगवन विष्णु है! पृथ्वी के तारामंडल में चमकनेवाला सबसे सशक्त्त ग्रह है जिसकी राशि...

चंद्र ग्रह

दिल का स्वामी चंद्र है जो सूर्य से रोशनी लेता है! अरबी में मीर-ओ-अजर, फ़ारसी में माँ, संस्कृत में इन्दु, अंग्रेजी में मून और उर्दू में इसे...

शुक्र ग्रह

शुक्र अर्थात लक्ष्मी, स्त्री, धरती माता, विलासिता, वीर्य, त्वचा इत्यादि! शुक्र के बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती! शुक्र (स्त्री)...

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