केतु ग्रह
- Sunil Thalia
- 15 अप्रैल 2018
- 2 मिनट पठन
केतु नेकी का फरिश्ता, सफर का मालिक और आखिर तक सहायता देने वाला ग्रह है! ज्योतिषशास्त्र में शनि, राहु और केतु को पाप ग्रह की संज्ञा दी गयी है! जिनमें राहु और केतु भूत प्रेत, जादू टोना, और तंत्र मंत्र के मालिक है! केतु को दुनिया की आवाज़ ईश्वर तक पहुँचाने वाला दरवेश कुत्ता भी कहा गया है, जो मृत्यु के यम को पहले ही देख लेता है! अपने कुल को तारने वाला गाय का बच्चा अथवा ऐसा सूअर जो गोली गोली चलने की जगह पर ही जाकर मरे! केतु मृत्यु के समय का आरम्भ है, सूर्य के साथ होने पर सूर्य के फलों को मध्यम करता है और चंद्र के साथ होने पर उसे पूर्ण ग्रहण लगाता है! शनि और मंगल के साथ अक्सर बुरे फल नहीं देता! बृहस्पति के साथ उत्तम, बुध के साथ दुष्ट और शुक्र के साथ उसकी आयु बढ़ा देता है! छटे अर्थात स्वयं के घर ये नीच का होता है, मंगल को बद करता है! बुरे फल देने पर यह जातक के बच्चे खाने लग जाता है! इंसान के शरीर में उसके कान, पीठ, गर्दन तथा पाँव आदि के नाख़ून, केतु के ही रूप है! कुंडली में राहु उच्च होने पर केतु भी उच्च होगा और बुध भी इसे उच्च करता है किन्तु ये स्वयं अपने कार्य के द्वारा खुद को नीच कर लेता है! केतु की मृत्यु जाहिर मृत्यु नहीं होती, न बुढ़िया मरे, ना चारपाई छोड़े अर्थात ना बीमारी का पता चले और ना ही ठीक हो, बस धीरे धीरे डूबता जाये! केतु शुभ होने पर संतान, गुरु के शुभ फलों जैसा फल देती है!

Planet Ketu
Ketu represents the opposite node of Ketu, in the tail of the serpent. Its colours are black and white. Venus and Rahu are its friends, whereas Moon and Mars are its enemies .
Forty two years is the age of Ketu. Ketu is also considered to be the bed. So the bed given by in-laws after marriage is considered to be auspicious for the birth of a son and as long as that bed is in the house, the effect of Ketu can never be inauspicious.
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